13 August 2010

जापानियों के नाम 1

जापानी का नाम, अपना नाम और कुलनाम से बना है। बीच का नाम, जैसे अपने पिताजी का नाम, जगह का नाम, ऐसा नाम नहीं लगाते हैं। और पहले कुलनाम, और इस के बाद अपना नाम आते हैं। ...उदाहरण के लिए, राज कपूर, जापानी शैली में लिखूँ तो कपूर राज हो जाता है। जापान ही नहीं, चीन और कोरिया के नाम भी ऐसा है। चीनी अभिनेता, जैकी चैन का सही ( जन्म) नाम तो 陳 港生 चैन कॉंग सैग है।  चैन उस के कुलनाम और कॉगसैग अपना नाम है। 

150 साल पहले तक अधिकतर जापानी जनता के पास कुलनाम नहीं था। सिर्फ़ कुलीन, क्षत्रिय, बड़े सेठ, ऐसा बड़े लोगों ही कुलनाम इस्तेमाल करते थे। और कुलीन, क्षत्रिय, कुलनाम के अलावा, ओहादा, जगह का नाम, आदि तरह तरह की जानकारी नाम में लगाते थे। सन् 1857 में आधुनिक राज्य के व्यवस्था से सब लोगों को कुलनाम लगाना अनिवार्य हो गया। तब तक जिस के पास क्कुलनम नहीं था, वे लोग अपनी मर्जी से नाम लगा सकते थे। प्रसिद्ध वीर के कुलनाम, जगह का नाम, जैसा जंगल में रहने वाले का कुलनाम 'जंगल', नया अजीब नाम, सब कुछ मना था। पहले का कुलनाम छोड़कर खुद नया नाम लगाए लोग भी कम नहीं था।

अब सब के सब के पास एक अपना नाम और एक कुलनाम है। शादी के बाद, पति या पत्नी, दोनों के एक कुलनाम ही चूनना चाहिए। अब शादी के बाद भी अपना कुलनाम छोड़े बिना, अलग अलग कुलनाम लगाने का विचार भी बढ रहा है।

खैर, जापान में, ऐसा परिवार भी होता है जिन लोगों के पास कुलनाम नहीं है। वह सम्राट के परिवार हैं। अब के सम्राट का नाम अकिहितो है। फिर भी हम कभी नहीं उन्हों को उन के नाम से लेते हैं। ज़रूर, सिर्फ सम्राट कहते हैं। तो कहने में कैसे अब का सम्राट और दूसरे सम्राठ से अलग अलग करें? अब का सम्राट तो खासकर 'किंजो तेन्नो' (अब का सम्राट) कहते हैं। और सब सम्राट, स्वर्गवास होने के बाद दूसरा सम्राट नाम दिए जाता है। अब का सम्राट के पिता जी का नाम हिरोहितो था, और उन का दिए गया सम्राट नाम तो शोओवा सम्राट है। इसलिए हम उन लोगों को चर्चा करने के लिए, 'शोओवा सम्राट और (किंजो) सम्राट', ऐसा कहते हैं। राजकमारी  (सम्राट की बेटी) , शादी के बाद पहली बार अपना कुलनाम प्राप्त करती हैं। और सम्राजी  को, सम्राट से शादी होने के लिए कुलनाम छोड़ना पड़ता है। 

10 comments:

  1. जापानी नामों में 'को' या इसी तरह का कोई शब्‍द नाम में daughter of/son of के लिए होता है, ऐसा कुछ है, तो इसे भी स्‍पष्‍ट कर जोड़ दें.

    ReplyDelete
  2. छत्‍तीसगढ़ में कोई 15 साल पहले एक शोधार्थी आई थीं 'सकूरा को आबे' जैसा कुछ नाम था, कलकत्‍ता और शांति निकेतन से जुड़ी थीं, याद पड़ता है कि सरगुजा के रजवारों पर, चित्रकला पर, कोई अध्‍ययन कर रही थीं. इस पर आप कुछ कहना चाहेंगी.

    ReplyDelete
  3. जापानी नामो के विषय में आपने अच्छी जानकारी दी है. भारत में कुल की जानकारी रखने के लिए एक जाती होती है. जिसे राव या भात कहते है. उसके पास अपने यजमान के पुरे कुल खानदान की जानकारी रहती है. इसके बदले उन्हें कुछ दक्षिणा दी जाती है जिससे उनका जीवन यापन होता है. वे अपने खातों को कुल परंपरा के अनुसार अपडेट करते रहते है.

    अच्छी पोस्ट
    आभार

    ReplyDelete
  4. अच्छी जानकारी है जापानी संस्कृति के बारे में.

    @राहुल सिंह
    दस साल पहले एक भारतीय शोध अधिकारी पश्चिमी ब्राज़ील में सोयाबीन की कृषि के अध्ययन के लिए गया था. आप इस बारे में क्या कहना चाहेंगे?

    ReplyDelete
  5. Rahul Singh जी,
    फ़र्माइश के लिए धन्यवाद। 'को'के संबंध "जापानियों के नाम 2"में लिखना होगा।
    मैंने साकुराको अबे जी की लिखी पुस्तक पढ़ी...इस में भारत के दिनों और गुढने के बारे में लिखा है।

    ReplyDelete
  6. ललित शर्मा-للت شرما जी,
    बहुत अच्छी जानकारी दी आपने! धन्यवाद। जापान में जैसे राव या भाट की भुमिका, सरकार के आवला बौद्ध मंदिर भी निभाते हैं।

    ReplyDelete
  7. ab inconvinientiजी, धन्यवाद।
    हमारे लिए भारतीय नाम की संस्कृति भी बहुत दिलचस्प है।

    ReplyDelete
  8. ajit gupta जी,
    धन्यवाद।

    ReplyDelete