19 May 2010

उँगलियाँ

जंकेन उँगलियों से मुद्र बनाने का खेल है। उँगलियाँ, खेल में ही नहीं, संख्या गिनने  में भी इस्तेमाल करते हैं।
भारतीय लोग एक हाथ से 16 तक गिन सकते हैं।  लेकिन हम गाँठ को न इस्तेमाल करने से सिर्फ़ 
10 तक ही गिनते हैं।

अँगूठा गोड़कर 1, अँगूठा और तर्जनी गोड़कर 2....और हाथ के सब उँगुलियाँ गोड़कर 5, फ़िर गुनी  उठाकर 6, छिगुनी और अनामिका उठाकर 7.....सब उठाकर हाथ खोएँ तो 10। हम ऐसा कर्ते हैं। यह अपने को समझाने का ढंग है।
संकदूसरे को संख्या बताने में...उदाहरण ले लिए, "दो चाय दीजिए।" ऐसा कहने में तर्जनी और मध्यमा उठाकर 2 उँगुलियाँ दिखाते हैं।

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खैर, जापानी में हर उँगुली का नाम यह है।

        अँगूठा        ओयायुबि         माँ-बाप की उँगुली
        तर्जनी        हितोसशियुबि   इशारा करनेवाली उँगुली
        मध्यमा      नाकायुबि        मध्यम उँगुली
        अनामिका    कुसुरियुबि     दवा उँगली
        छिगुनी        कोयुबि          छोठी उँगुली

कहा जाता है कि प्रचीन काल में अनामिका से दवा लगाते थे या दवा पानी में गुलाते थे।
जब रास्ते में फ़्यूनेरल वैन (मुर्द ले जीनेवाली गाड़ी) की नज़र आएँ तो, ताकि वह गड़ी अपने माँ-बाप को  भी कभी नहीं साथ ले जाए, मुट्ठी भींचकर अपने अँगूठा छिपाते हैं।

4 comments:

  1. oba-san ये तो बहुत अच्छी पोस्ट है। दिल्चस्प जानकारी दी है आपने मुद्राओं के बारे में साथ में मेरी जेपेनीज़ शब्दों का शब्द्कोश भी बढ़ रहा है
    शुक्रिया आपका ...बहुत अच्छी पोस्ट ..फिर मिलते हैं..."

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  2. Amitraghat जी,धन्यवाद।
    मेरी सहली, आज चली गई। काई दिनों के बाद फ़िर मिलेंगे...

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  3. "oba-san कहाँ हैं आप?

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  4. Amitraghat जी, सहेली चलने के बाद, हम, उस के पुराने मित्र, सब गुमसुम बैठते थे। सहेली, सचमुच महा व्यक्ति थी। सब उसे प्यार करते थे। "चान" लगानेवाले खोना तो बहुत दुख है।

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