11 July 2010

काग़ज़ का दरवाज़ा

जापानी मकान लकड़ी और काग़ज़ से बना है। जापान के हवा-पानी में नमी ज़्यादा है, इसलिए नमी लेने-देने वाली लकड़ी और काग़ज़ मकान की सामाग्री की रूप में अच्छे हैं। हमारा फ़्लैट फेरो-कंक्रीट से बना है, लेकिन लकड़ी काग़ज़ से बने जापानी कमरे भी हैं। कंक्रीट नमी लेने-देने में असर नहीं है। लेकिन हमें परंपरित जापानी कमरा पसंद है। जापानी परंपरित कमरे में तातामिका नाम चटाई,  हुसुमा का नाम काग़ज़ का बना किवाड, और शोओजि (शोजि) ,  काग़ज़ चिपकाए हुए जलीदार के दरवाज़ा या खिड़की हैं।



 शोओजि  और फुसुमा 


हुसुमा, शोओजि दोनों फिसलनेवाले हैं। हुसुमा बंद करें तो पार की दिखाई दे नहीं सकता, लेकिन चूंकि शोओजि के जालीदार पर चिपकाई काग़ज़ इतनी पतली है, इसलिए पारदर्शक दिखाई दे सकती है। शोओजि कमरे का रेशनदान है।

मेरी मैके में 3 जापानी कमरे हैं। तातामि,  शोओजि या फुसुमा भी बहुत ज़्यादा हैं।
 जापानी कमरा 


पहले शोओजि का  काग़ज़ सब हमारे परिवार के हाथ से चिपकाते थे।
सब से पहले, शोओजि के पुराना काग़ज़ हटा कर, लकड़ी का जालीदार पानी से पूरा साफ़ करते हैं। और लकड़ी के जालीदार को काफ़ी सुकी होने के बाद, स्टार्च पेस्ट से शोओजि काग़ज़ जालीदार पर चिपकाते हैं। मेरे पिता जी  अच्छी तरह चिपकाते थे। पिता जी के देहांत के बाद, मम्मी बूढ़ी होने से अपने हाथ से शोओजि का काग़ज़ चिपकाना छोड़ दिया। हर काई साल, फुसुमा-शोओजि बढ़ई को चिपकावाती हैं। इस साल मम्मी शोओजि का काग़ज़ बदरना  चाहती हैं...और बढ़ई को बुलाने के पहले,  घर साफ़ करने के लिए मुझे बुलाई। मैके में 20 से ज़्यादा शोओजियाँ हैं। सब को साफ करके नया काग़ज़ चिपकाने के लिए चौड़ी  जगह  चाहिए। लगता है कि फुसुमा का काग़ज़ भी 2-3 साल में बदरेंगे।

8 comments:

  1. वाह! मौसी जी,
    मुझे लगता है आपका घर लकड़ी की फ़्रेम से बनता है
    और उस पर आप लोग कागज चिपकाते हैं।
    क्या कभी आग लगने का खतरा नहीं होता?
    या कागज पानी से नहीं गलता-खराब नहीं होता?

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  2. "ओबा-सान बहुत अच्छी जानकारी दी आपने...20 से ज़्यादा शोओजियाँ का कागज़ बदलने में तो काफी समय लग जाता होगा...पर इससे फायदा भी है कि हरसाल नया लुक देखने को मिल जाता है...बहुत अच्छी पोस्ट ओबा-सान.....फिर मिलते हैं... बुनराकु के बारे में कभी बताईएगा..."

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  3. ललित शर्मा जी,
    आग लगने का खतरा भी है,
    बारिश या बरफ़ से खराब भी हो जाता है, लेकिन फिर भी हमें लकड़ी का मकान पसंद है।

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  4. Amitraghat जी,
    बुनराकु! क्य बात है! क्या आप जापानी स्पेशियलिस्ट हैं? मैं अब तक टीवी कार्यक्रम छोड़कर बुनराकु देखा नहीं हूँ।

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  5. Halke-Fulke जी,

    क्यों?

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  6. बेचैन आत्मा जी,
    मुझे भी भारतीय घर देखकर ऐसा लगा।

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