जापान के अधिकतर कॉपनी में नियमित कर्मचारियों को एक साल में 120 दिनों के आसपास की छुट्टियाँ मिलते हैं। हर हफ्ते में शनिवार और रविवार दोनों छुट्टियाँ हैं, ऐसा क़ॉपनी ज़्यादा है। लेकिन लगातार छुट्टियाँ लेना आसान बात नहीं है। अपने बच्चे की शादी के लिए भी 3 दिनों से ज़्यादा छुट्टियाँ लेना तो मुश्किल है।
फ़िर भी सारे जापान में एक साल में 3 बार लगातार छुट्टियाँ लेने का अवसर है। वर्षान्त-वर्षांरभ, ग्री ष्म, और अब, अप्रैल के अंत से माई के शुरू तक ।
29 अप्रैल तो पूर्व सम्राट की जयंती है। 1 माई शनिवार, 2 माई रविवार, और 3 संविधान दिवस, 5 बच्चों का दिवस, और 4 माई तो काई साल पहले से छुट्टी हो गया...लगातार छुट्टियाँ बनाने के लिए। अगर 30 अप्रैल या 6, 7 माई भी छुट्टी ले सकें तो बहुत लंबा छुट्टियाँ होजाएगा । हम इन दिनों को GOLDEN WEEK कहते हैं।
GOLDEN WEEKसारे जापान में चलता है। इसलिए मनोरंजक जगह इधर उधर बहुत बीड़ हो जाती है। कहीं जाना चाहने पर भी टिकट लेना भी मुश्किल है, बैंक भी बंद है, GOLDEN WEEK के पहले और बाद में सदा से और व्यस्त हो जाता है......फ़िर भी हम बहुत मज़ा लेते हैं। इन दिनों, GOLDEN WEEK के आसपास के मौसम साल में सब से सुखद है।
हम भी आज सिनेमा देखने गए, कल मैं 10 सालों बाद अपनी सहेली से मिलूँगी, और परसों पति के साथ मेरे मैके जाऊँ गी।
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oba-san,बहुत अच्छी जानकारी दी आपने छुट्टियों के बारे में । ढेर सारा काम करने के बाद छुट्टिओं का मज़ा दुगुना हो जाता है। यहाँ पर हिन्दुस्तान में कई त्योहार की वजह से लगातार कईं छुट्टियाँ मिल जाती हैं इसलिये अलग से गोल्डन वीक नहीं मनाना पड़ता । बहुत अच्छी पोस्ट..ओबा-सान । आपने कौन-सी फिल्म देखी? आपकी सहेली अब कैसी हैं? और आपके मैके में कौन-कौन हैं? बताइगा....फिर मिलते हैं"
ReplyDeleteAmitraghat जी,
ReplyDeleteहमने देखी SF कोमेडी की फिल्म। मेरी सहेली अब पहले से बहुत अच्छी हो गई...अपने मुँह से कुछ खा सकती है। भगवान की कृपा है। उसे यह जानकर खुशी होगि कि भारत में भी अपने पर ध्यान रखनेवाले हैं। आज मिलनेवाली सहली, काई सालों भारत में रहती थी। और मेरे मैके के बारे में, वहाँ से वापस आकर पोस्ट करूँगी। वहाँ अब मेरे मंमी और बढ़े भाई रहते हैं।
क्या बात है oba-san आपने कोई नई पोस्ट नहीं लिखी ? आपकी तबियत तो ठीक है न!या फिर आप अभी-भी अपने मैके में हैं.."
ReplyDeleteAmitraghat जी,माफ़ कीजिए। मैं ठीक हूँ। काई दिनों पहले मैके से वापस आई थी। लेकिन माई होते ही यहाँ तापमान एकाएक बढ़ने के लिए
ReplyDeleteगुहकार्य से व्यस्त रही थी...ठंडा नौसम की मोटी कपड़े या औजार गर्मी की से बदलना आदे। यह जानकर खुशी हुई कि आप नियमित रूप में इस ब्लॉग पढ्ते हैं और मुझे पर भी ध्यान रख देते हैं।