09 May 2010

किमोनो मेला

हर साल, गोल्डन वीक में हम मेरे मैक जाते हैं। मेरा मैका नीगाता प्रिफेक्चार के तोओकामाचि है। वहाँ शीत ऋतु  में बहुत ज़्यादा बरफ़ पड़ता है।  बरफ़ ढेर लगाने से मकान का पहली मंजिल आसानी से बरफ़ से पट जाता है। इसलिए मेरे मैके का द्वार दूसरी मंजिल में है।

दो-तीन सालों पहले की तसवीर ;
इस साल इस से और ज़्यादा बरफ़ मिला।


लेकिन माई होने के बाद, तापमान चढ़कर बरफ़ पिघल गया, अधिकतम...अब भी छाँव में कुछ बरफ़ का दिखाई देता है।खैर, तोओकामाचि का माई, साल में सब से अच्छा, सुन्दर, और सुखद ऋतु है। तरह तरह के फूल  खिलते थे।

और जब हम तोओकामाचि पहुँचे, तब किमोनो मेला आयोजित किया जा रहा था।




जापान में अब किमोनो पहननेवाले बहुत कम हो गया। हम रोज़ सूट, जींज़, वैसा अंग्रेज़ी पोशाक पहेनते हैं। लेकिन उस दिन तोओकामचि के प्रमुख सड़क में बहुत ज़्यादा किमोनो (जापान की परंपरागत कपड़े)  पहननेवाले की नज़र आता था। तोओकामाचि बरफ़ ही नहीं, किमोनो उद्योग (रेशमी कपड़े ) से भी मशहूर है। इसलिए किमोनो को प्रचार करने के लिए हर साल, माई के तीसरे तारीख को तोओलामचिवाले किनोमो पहनने की सिफ़ारिश करते हैं।

2 comments:

  1. oba-san किमोनो में बहुत सुन्दर दिखते हैं । मुझे मेले बहुत अच्छे लगते हैं क्योंकि इसमें अलग-अलग लोग आते हैं और सब मिलके मज़े करते हैं । आपने चित्र भी अच्छे लगाए हैं । यहाँ भारत में कुछ ही जगह है जहाँ बर्फ़ गिरती है ।अच्छी पोस्ट फिर मिलते हैं...."

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  2. Amitraghat जी,
    तोओकामचि बहुत छोटा शहर है। लेकिन सुना है वहाँ में भी भारतीय इंजिनियर काम करते हैं।
    > यहाँ भारत में कुछ ही जगह है जहाँ बर्फ़ गिरती है ।
    हाँ जी। सब कहते हैं हिमालय की नज़र बहुत सुन्दर है।

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