11 May 2010

जापानी चप्पल

जापानी परंपरागत पोशाक किमोनो के साथ, हम ज़ोओरि (ज़ोरि) या गेता का नाम जापानी चप्पल पहनते हैं।

गेता
                                           
गेता लकड़ी से बना है। और पीछे के थोड़ा सा भाग ज़मीन पर लगाते हैं। बड़गड़ रास्ते या बरफ़ रास्ते पर चलने में अच्छा है। और गर्मी मौसम में भी नंगे पाँव पर गेता पहनना सुखद लगता है। लेकिन गेता से चलने से खटखट आहट सुनाई देता है, इसलिए औपचारिक जगह में गेता पहनते जा नहीं सकते।

भारत में मंदिर के अंदर आने में जूते, चप्पल उतारते हैं। शायद औपचारिक रूप से मोजे भी उतारकर नंगे पैर से आना अच्छा होगा। लेकिन हम लोग अपने पाँव से पवित्र जगह गंदा करने को डरते हैं। ....धोए पैर तो सब से साफ़ होगा, पर जापान का मौसम ऐसे गरम नहीं है जैसे दिन में काई बार पानी से अपने को धोते हैं। तो अपने गंदे तलवे से औपचारिक जगह न गंदा करने के लिए, मोजे पहनते हैं। ज़ोओरि के किए, ताबि का नाम जापानी मोजा है जिसकी नोक के पास दो भाग हैं।




ज़ोओरि 
 
लेकिन औपचारिक ही नहीं, सहज ज़ोओरि भी है।


यह चावल पयाल से बनी ज़ोओरि है। मेरे पति ने तोओकामाचि में यह एक खारीदी ...स्लिपर की बजाए पहनने के लिए।

और मैंने कपड़े रस्सी ज़ोओरि लेकर अब घर में पहनती हूँ।


वे कपड़े ज़ोओरियाँ, सब मेरी मौसी ने बनाईं।

2 comments:

  1. oba-san ये सारी ज़ोओरियाँ तो बेहद सुन्दर हैं और गेता तो बिल्कुल वैसी ही हैं जैसे यहाँ पर खड़ाऊ होती है और जिसे साधु लोग ही पहनते हैं ये भी गेता की ही तरह लकड़ी की होती है । बहुत अच्छी पोस्ट ..फिर मिलते हैं.."

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  2. Amitraghat जी,
    अच्छा, जो गांधी जी के मेमोरियल हॉल में देखी, वह "खड़ाऊ" कहते हैं न? आप से अच्छी जनकारी मिली। धन्यवाद।

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