आजकल जापान में बहुत ज़्यदा भारतीय लोग रहते हैं। उन में बहुत अच्छी जापानी बोलनेवाला कम नहीं है।
कभी कभी हमारे देश का युवक से सुद्ध जापानी बोलते हैं। उच्चा रण भी सुन्दर है। अगर किसी तरह दोष खोजने की कोशिश करूँ तो, भारतीय लोग बोलते जापानी का स्वर, थोड़ा सा छोटा लगता है। मेरे विचार में,
जापानी स्वर हिन्दी स्वर की तुलना में डेर गुना लँबा है। और जापानी भाषा में स्वर की लंबाई का अंतर बहुत महत्तवापूर्ण है .....शब्दों का अर्थ अलग हो जाता है।
उदाहरण के तौर पर,
ओका-सान (सान मतलब जी)
ऐसा हिन्दी में लिखा हुआ देखा तो 3 व यक व्तक्तियाँ सूझती हूँ।
okaa-san ( माता )
oka-san ( ओका का नाम व्यक्ति )
ooka-san ( ओओका नाम व्यक्ति )
और जापान में oooka का कुलनाम भी है। हिन्दी में लिखूँ तो ओओका-सान ? लेकिन उस नाम उच्छारण करने में, पहला ओ लंबा है और दूसरा ओ छोटा है।
संबंधी का नाम भी झंझट है।
oji-san ( ताऊ, चाचा, मामा, कका )
ojii-san ( दादा, नाना )
oo-oji-san( दादा, नाना या दादी नानी के भाई )
अगर आप विदेशी है और जापानी अच्छी तरह बोल नहीं सकते होने पर, महिलाओं को बुलाने में काफ़ी धान रख दीजिए।
oba-san ( अंटी, फूफा, बूआ, मौसी, चाची, मामी, नन्द )
obaa-san ( दादी, नानी )
oo-oba-san ( दादा, नाना या दादी नानी की बहन )
अगर अब मैं obaa-san कही जाऊँ तो नाराज़ हो जाऊँगी।
खैर, ऐसा लिखा तो हिन्दी संबंधी का नाम, जापानी स्वर की लंबाई से और ज़्यादा मुश्किल है!
16 April 2010
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मौसी जी ये तो बहुत मज़ेदार और जानकारी बढ़ाने वाली पोस्ट है। काफी कुछ सीखने को मिला । वाकई में स्वरों का ध्यान रखना पड़ेगा..मैं आपको oba-san बोलूँ तो चलेगा न...बहुत अच्छी पोस्ट फिर मिलते हैं...."
ReplyDeleteAmitraghat जी,
ReplyDeleteहमरे लिए हिन्दी उच्चारण
भी बहुत मुश्किल है। जूता, झूठा या अशोक, अशौक, ऐसे शब्दओं का अंतर मेरे कानों से पहचान कर नहीं सकती।