शोओजि और फुसुमा
हुसुमा, शोओजि दोनों फिसलनेवाले हैं। हुसुमा बंद करें तो पार की दिखाई दे नहीं सकता, लेकिन चूंकि शोओजि के जालीदार पर चिपकाई काग़ज़ इतनी पतली है, इसलिए पारदर्शक दिखाई दे सकती है। शोओजि कमरे का रेशनदान है।
मेरी मैके में 3 जापानी कमरे हैं। तातामि, शोओजि या फुसुमा भी बहुत ज़्यादा हैं।
जापानी कमरा
सब से पहले, शोओजि के पुराना काग़ज़ हटा कर, लकड़ी का जालीदार पानी से पूरा साफ़ करते हैं। और लकड़ी के जालीदार को काफ़ी सुकी होने के बाद, स्टार्च पेस्ट से शोओजि काग़ज़ जालीदार पर चिपकाते हैं। मेरे पिता जी अच्छी तरह चिपकाते थे। पिता जी के देहांत के बाद, मम्मी बूढ़ी होने से अपने हाथ से शोओजि का काग़ज़ चिपकाना छोड़ दिया। हर काई साल, फुसुमा-शोओजि बढ़ई को चिपकावाती हैं। इस साल मम्मी शोओजि का काग़ज़ बदरना चाहती हैं...और बढ़ई को बुलाने के पहले, घर साफ़ करने के लिए मुझे बुलाई। मैके में 20 से ज़्यादा शोओजियाँ हैं। सब को साफ करके नया काग़ज़ चिपकाने के लिए चौड़ी जगह चाहिए। लगता है कि फुसुमा का काग़ज़ भी 2-3 साल में बदरेंगे।
वाह! मौसी जी,
ReplyDeleteमुझे लगता है आपका घर लकड़ी की फ़्रेम से बनता है
और उस पर आप लोग कागज चिपकाते हैं।
क्या कभी आग लगने का खतरा नहीं होता?
या कागज पानी से नहीं गलता-खराब नहीं होता?
"ओबा-सान बहुत अच्छी जानकारी दी आपने...20 से ज़्यादा शोओजियाँ का कागज़ बदलने में तो काफी समय लग जाता होगा...पर इससे फायदा भी है कि हरसाल नया लुक देखने को मिल जाता है...बहुत अच्छी पोस्ट ओबा-सान.....फिर मिलते हैं... बुनराकु के बारे में कभी बताईएगा..."
ReplyDeletei'm surprised..
ReplyDeleteललित शर्मा जी,
ReplyDeleteआग लगने का खतरा भी है,
बारिश या बरफ़ से खराब भी हो जाता है, लेकिन फिर भी हमें लकड़ी का मकान पसंद है।
Amitraghat जी,
ReplyDeleteबुनराकु! क्य बात है! क्या आप जापानी स्पेशियलिस्ट हैं? मैं अब तक टीवी कार्यक्रम छोड़कर बुनराकु देखा नहीं हूँ।
Halke-Fulke जी,
ReplyDeleteक्यों?
बहुत खूब.
ReplyDeleteबेचैन आत्मा जी,
ReplyDeleteमुझे भी भारतीय घर देखकर ऐसा लगा।