जापान में बहुत अच्छी जापानी बोलते भारतीय लोग ज़्यादा रहते हैं। लगता है कि भारतीय लोग भाषाएँ के बारे में खासकर प्रातिभावान हैं। सब लोगों को अपनी मातृभाषा के अलावा, काई भाषाएँ आते हैं। हम जापानी अधिकतम जापानी ही बोलते हैं। अंग्रेज़ी जापान में भी एक अनिवार्य विषय और जुनियर हाइ स्कूल से कॉलेज तक 10 सालों के लिए सीखने के बावजूद, मैं अच्छी तरह बोल नहीं सकती। हम कॉलेज या विशवविद्यालय में भी हर विषय जापानी में सीखते हैं।
भारतीय लोगों की प्रतिभा से ही नहीं, मुझे लगता है जापनी भाषा, हिन्दी से आसान है। जापानी में स्त्रीलिंगम पुलिंग नहीं है। एकवचन, बहुवचन का अंतर भी अधिकतर नहीं , कालिक रूप भी हिंदी की अपेक्षा इतना गूढ़ नहीं है।
फ़िर जापनी में 3 लिपियाँ होते हैं। 2प्रकार की लिपियाँ फ़ोनोग्राम हैं, और दोनों के पास करीब 50 अक्षर हैं। एक लिपी चीनी मूल की चित्रकक्षर, और आम का जापानी, उन में से करीब 3000 अक्षर याद करते हैं। इसलिए लिखने पढ़ने में जापानी मुश्किल है।
जापानी बोलने में, विदेशी लोगों के लिए शायद सम्मांसूचक शब्द और संख्यावाचक कठिन होगा।
हिन्दी में किसी का संख्या कहने में, इस चीज़ से पहले संख्या लगाते हैं, जैसा एक बच्चा, 2 पुस्तक, 3 चाय, 4 पेड ...लेकिन जापानी में सिर्फ़ संख्या ही नहीं, हर संख्यावाचक भी लगाना है। जैसा अंग्रेज़ी का a cup of tea, a peice of paper बगैरह बगैरह। ऐसा संख्यावाचक जापनी में हज़ारों हैं। और जापानी में संख्या कहने में 2 प्रकार हैं। परंपरित जापानी ( जैसा संस्कृत) , और चीनी मूल (जैसा फ़ारसी) का संख्या ।
अधिकतर हर चीज़ों का संख्या कहने के लिए हर संख्यावाचक हैं। तो संख्यावाचक के बाद का शब्द न सुनने पर भी अधिकतर पता चलता है, किस विषय पर बात करते हैं। उदाहरण के लिए, ' 4 निं आए। ' ...यह सुनकर मालूम होता है कि आए तो इंसान थे। क्योंकि ' निं ' इंसान का संख्यावाचक है। '2 हिकि आए। ' .. .यह भी फ़र्ज कर सकते हैं, आए तो शायद कुत्ते, बिल्ली, ऐसा जानवर होगे। हाथी या घोड़ा की तरह बड़े जानवर नहीं होगा, क्योंकि ऐसे जानवरों के लिए दूसरा संख्यावाचक होता है। लेकिन कठिन बात यह है, छोटी तितिली का संख्या कहने के लिए, न जाने क्यों, हाथी के एक ही संख्यावाचक हम प्रयोग करते हैं।
29 June 2010
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"ओबा-सान बहुत अच्छी पोस्ट .. शुक्रिया आपका जेपेनीज़ भाषा के बारे में और बताने के लिये ....एक सवाल कि आपने इतनी अच्छी हिन्दी कहाँ से सीखी ? आज जापान का मैच है ..उम्मीद है हमारा ही जीतेंगे ...फिर मिलते हैं ओबा-सान.........."
ReplyDeleteजापानी भाषा के बारे में जानकारी देने का आभार.
ReplyDeleteAmitraghat जी,
ReplyDeleteमैंने एक culture center में हिन्दी सीखती थी, एक हफ़्ते में 70-80 मिनिट के लिए।
लेकिन मेरी हिन्दी अच्छी नहीं है। काश आप की तरह हिन्दी में इतनी सुन्दर कविता लिख सकती तो कितना अच्छा होता...।
Udan Tashtari जी, धन्यवाद।
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