रोज किसी का दिन है। इसलिए ख़ासकर ध्यान नहीं रखती हूँ, फ़िर भी मुझे जापानी मिठाई बहुत पसँद है।
भारतीय मिठाई अधिकतर दूध, बेसन, घी, मासाले और चीनी से बनी है। यूरोप की तो मैदा, अंडा, मक्खन और चीनी से। और जापानी मिठाई, अधिकतर चावल, चीनी और बीन से बनी है। तेल मक्खन के बिना, कैलोरी कम है। बीन, खासकर अज़ुकि बीन बहुत ज़्यादा इस्तेमाल की जाती है। बाकला या दूसरे बीन भी हम उपयोग करते हैं। लगता है अज़ुकि का स्वाद मूँग से मिलता जुलता है।
अज़ुकि (लाल) ,मूँग, बाकला
जैसी देखने में बिल्कुल दाल, जापान में ऐसी मिठाई भी होती है।
ज़ेंज़ाई
कूटे अज़ुकि ख़ासकर अंको कहाकर जैसा मसला डोसे के मासाला, चावल या मैदे से बनी पिंड या लड्डू में डालते हैं। बोतमोचि, अंको से लिपटे हुई चावल है।
एक बार भारत में एक घर में, मैने जैज़ा अंको देखा है।
इस से बना मीठा पराठा खाया। इस का नाम क्या है?
यह मिनाज़ुकि का नाम मिठाई है। मिनाज़ुकि, पुरानी जापानी में 'जून' है। कहा जाता है कि जून के अंतिम दिन ( 30 तारीख) को यह मिठाई खाकर बाकी आधा साल का नीरोगता को प्रर्थना करें तो अच्छा है। यह भी चावल आटा, मैदा या कोई स्टार्च, चीनी और अज़ुकि से बनी है।
"वाह oba-san मुँह में पानी आ गया ,जब मैं जापान आऊँगा तब ज़रूर आपके हाथों से बनी ये मिठाईयाँ खाऊँगा,...मिठाई दिन की शुभकमनाएँ.....बहुत अच्छी पोस्ट ..फिर मिलते हैं...."
ReplyDeleteoh..bahut achha laga mithaaiyon ke baare mein jaankar...aagey bhi aisi rochak khabrein sunati rahein..Regards,
ReplyDeleteVartika
Amitraghat जी,
ReplyDeleteहाँ, हाँ, आप अज़रूर जापान आइए आप की मंमी या बहन के हाथ से बनाई मिठई लीकर।
vartika जी,
ReplyDeleteसुनाने से खिलाऊँ। अगर आपको जापानी मिठाई पसंद हो तो।
हमें पीछे क्यों भूल रहे हैं
ReplyDeleteमिठाई हमें भी खानी है।
भले ही एक डायबिटिज की गोली ज्यादा ले लेगें
लेकिन मिठाई जरुर खाएंगे।:)
कब भेज रही हैं कुरियर से मिठाई?
जल्दी करिए-कहीं कुरियर बंद न हो जाए
ललित शर्म जी,
ReplyDeleteअरे आप को अभि तक नहीं मिली वह मिठाइयाँ जो मैंने पक्षी को पहूँचवाई? कुरियाल में आकर सब खा ली क्या, उसने?