01 July 2010

अगेहा तितली

पिछले साल एक दोस्त से ' संशो ' ... तेजफल क पेड़ मिला।
 उस पत्ते के ख़ास  अपना सुगंध और स्वाद है।

एक पत्ते सजाने से सब्जी काफ़ी अच्छी हो जाती है। हम भी वसंत में नए नए तेजफल के पत्ते कभी कभी खाते थे।
 करीर, बाँस क नया कल्ला और तेजफलका पत्ता 


अब पत्ते सख़त होकर खाने के लिए अच्छा नहीं हो गया।
हमरे किए स्वादिष्ट अच्छा नहीं होने के बावजूद, अगेहा का नाम तितलियों को तेजफल के पत्ते बहुत पसंद है।

एक दिन तेजफल के पेड़  में दो इल्लियाँ देख लीं। अगेहा तितली  की इल्ली, शुरू में काली है...पक्षी की बीट  की शकल-सूरत दिखावा करती है ताकि पक्षी से नखाई जाएँ। हरे पत्ते खाते खाते इल्ली भी हरी हो जाती है।


हमरा परिवार का कुल चिह्न अगेहा तितली  है।

सालों पहले दूसरी प्रकार तित्ली की इल्ली भी हमरे फ़्लैट के पर्स्ले पत्ते खाकर तितली  बन गई। इस समय भी इल्ली से तितली बनने का दिन की प्रतीक्षा करते रोज़ इल्ली देखते थे। हमारा तेजफल दो इल्लियाँ पत्ते खाने के लिए छोटा है, ऐसा सोचकर मैनंने एक इल्ली बाहर छोड़ दी।

दो तीन दिन से इल्ली हरी रंग हो गई। शायद आज या कल प्यूपा हो जाएगी ... फ़िर तितली।
उस समय का रास्ता देखते देखते, आज काई बार तेजफल देखती थी। लाँच के बाद तो ज़ररूर तेज फल के पेड़ पर थी। लेकिन शाम को फिर देखी तो गायब हो गई। कहाँ गई ? पक्षी से खाई गई क्या ?

7 comments:

  1. वाह! अच्छी जानकारी मौसी जी।
    कुछ इसी तरह की इल्ली नींबु के पत्तों पर भी मैने देखी थी।

    हो सकता है उससे भी तितली बनती हो।

    आभार

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  2. ओबा-सान बहुत अच्छी पोस्ट ..संशो में काँटे भी दिख रहे हैं क्या इसकी गन्ध खूब तेज होती है...ओबा-सान लगता है कि ये अगेहा तितली यहाँ पर भी होती है ...यहाँ कढ़ी पत्ता/मीठी नीम नाम के पेड़ में ये तितली पाई जाती है .....मेरे घर में भी कई बार देखा है ...एक बार मैंने इसे हाथ से पकड़ने की कोशिश की(जब यह पूरी हरी हो गई थी) तो इसने बहुत तेज और तीखी गंध छोड़ी थी...तबसे मैंने इसे पकड़ने की कोशिश ही नहीं की....बहुत अच्छी पोस्ट ओबा-सान ..देखना एक दिन आप भी हिन्दी में कविता ज़रूर लिखेंगी.....फिर मिलते हैं.."

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  3. पहली बार इस ब्लॉग पर आना हुआ....सबसे पहले बधाई कि आप हिंदी कि जानकारी रहती हैं....

    आपकी पोस्ट पढ़ कर नयी जानकारी मिली...धन्यवाद

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  4. ललित शर्मा जी,
    अरे, लिंक देखकर हैरत हुअ है...
    मेरी गड़बड़ हिन्दी प्रसिद्ध हो गया। लेकिन धन्यवाद। और तन लगाकर अच्छी हिन्दी लिखने की कोशिश करूँगी।

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  5. Amitraghat जी,
    ह्क़ाँ जी, इस प्रकर तितलियों को जैसा नीबू, कढ़ी पत्ता, ऐसा खुशबू पत्ते पसंद है।
    हम जापानियों को लगता है, तितली लडका, फूल लड़की है।

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  6. संगीता स्वरुप ( गीत ) जी,

    अपनी गड़बड़ हिन्दी मुझे शर्म है, लेकिन हिम्मत बटोरकर लिख रही हूँ...।

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