यह हमारा कुल चिह्न है।
यह मेरे मैके का
और यह मेरी मंमी के मैके का है।
हर जापानी घर के पास अपना कुल चिह्न है। एक ज़माने में, जब जापनी सजना-धजना कपड़ा किमोनो (जापानी परंपरित कपड़ा) था, औपचारिक कपड़े को अपने कुल चिह्न लगाते थे। अब हम किमोनो बहुत कम पहनते हैं, इसलिए अपना कुल चिह्न भी अधिकतर भूलते हैं। जापान में शादी की कपड़ा भी उधार लेना आम की बात है, फ़िर भी हम उस कपड़े में भी अपने कुल चिह्न लगा सकते हैं। (बाद में आसनी से उसे हटा सकते हैं) काई कुल चिह्न लगाए हुए टाई भी मिल सकता है। और अधिकतर समाधि में भी कुल चिहन लगा है।
जापान के सम्राट का कुल चिह्न यही है।
सारे लेकिन जापान में सब से प्रसिद्ध कुल चिहन तो शायद यह है।
तोक्कुगावा राजघ्राने का है, जापान में जिसका राज 1603 से 1867 तक जारी रखा था। अब भी इस ज़माने का ड्रामा टीवी कार्यक्रम में बराबर दिखाई देता है, इसलिए सब जापानी वह काफ़ी पहचानी हैं।
10 April 2010
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कुल चिह्नों के बारे में बहुत अच्छा बताया आपने मौसी जी जापानी राजघराने का यहाँ चिह्न काफी प्रसिद्ध है मैंने देखा है हिन्दुस्तान में भी हर परिवार का अपना गोत्र होता है । यहाँ के आदिम वासियों के भी गोत्र और कुलचिन्ह होता है। जापान के लोग किमोनो कम क्यों पहनने लगे हैं?
ReplyDeleteबहुत अच्छी पोस्ट.....फिर मिलते हैं"
Amitraghat जी,
ReplyDeleteहमेशा टिप्प्णी देने के लिए धन्यवाद।
हम किमोनो क्यों छोड़ दिया?...क्योंकि चलने में या काम करने में, और धोने में भी, किमोनो से पश्चिमी कपड़ा सुविधा है। लेकिन हमें सजाने के लिए किमोनो सब से अच्छा है। हमरी शादी में भी हमने किमोनो पहने
।